Filters
Blog options
Search
Filters
Filters
Blog options
Close

5 ऐसे कारण - आपको स्पिरुलिना हर दिन क्यों लेना चाहिए?

5 ऐसे कारण - आपको स्पिरुलिना हर दिन क्यों लेना चाहिए?

स्पिरुलिना एक अत्यंत पौष्टिक और लाभकारी सुपरफूड है, जो नीले-हरे शैवाल के रूप में जाना जाता है। इसमें पोषक तत्वों का खजाना भरा हुआ है, और यह हमारे शरीर को कई तरह से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसे प्राकृतिक तरीके से ऊर्जा और पोषण का बेहतरीन स्रोत माना जाता है।

स्पिरुलिना का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। माना जाता है कि एज़्टेक सभ्यता ने इसे 16वीं सदी में अपने आहार का हिस्सा बनाया था। यह प्राकृतिक जलाशयों में पाया जाता था और इसे सुखाकर खाने में प्रयोग किया जाता था।

आख़िर क्यों कहते हैं स्पिरुलिना को न्युट्रीयेंट्स का पावर-हाउस?
स्पिरुलिना में लगभग 70% तक प्रोटीन होता है जो सभी आवश्यक अमीनो-एसिड्स से भरपूर होता है। यही वो कारण है जो स्पिरुलिना को दुनिया के सबसे उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में से एक बनाता है। साथ ही स्पिरुलिना को विटामिन बी12 का बेहतरीन स्रोत माना जाता है।

स्पिरुलिना में दूध से 14 गुना ज़्यादा कैल्सियम, केले से 4 गुना ज़्यादा पोटैसियम, गाजर से दो गुना ज़्यादा विटामिन-A और पालक से 9 गुना ज़्यादा आयरन होता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्पिरुलिना में विटामिन-ई और जीएलए प्रचुर होते हैं।

यही कारण है कि स्पिरुलिना को NASA और European Space Agency द्वारा अंतरिक्ष यात्राओं के लिए खाद्य स्रोत के रूप में माना गया है। इसका कारण यह है कि इसमें पोषक तत्वों की उच्च मात्रा है और इसे आसानी से लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है।

अगर आप अपने आहार में इसे नियमित रूप से शामिल करते हैं, तो आपको कई ज़बरदस्त स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। आइए जानते हैं 7 ऐसे कारण जो बताते हैं कि - क्यों आपको रोज़ाना स्पिरुलिना का सेवन करना चाहिए:

1. पोषक तत्वों का भंडार
स्पिरुलिना में उच्च मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह विशेष रूप से विटामिन बी1 (थायमिन), विटामिन बी2 (रिबोफ्लेविन), और विटामिन बी3 (नियासिन) से भरपूर है, जो शरीर की ऊर्जा उत्पादन और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं। इसके अलावा, इसमें लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे खनिज भी पाए जाते हैं, जो हमारी हड्डियों, मांसपेशियों और रक्त के लिए आवश्यक होते हैं।

स्पिरुलिना में प्रोटीन की ज़बरदस्त मात्रा होती है। इसमें लगभग 60-70% प्रोटीन पाया जाता है, जो इसे शाकाहारी और शाकाहारियों के लिए एक उत्कृष्ट प्रोटीन स्रोत बनाता है। तो यदि आप शाकाहारी हैं या फिर अपने आहार में प्रोटीन की कमी को लेकर चिंतित रहते हैं तो स्पिरुलिना आपके लिए विशेष रूप से लाभकारी है क्योंकि यह आपके लिए प्रोटीन की पूर्ति का एक शानदार वैकल्पिक स्रोत हो सकता है।

2. शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण
स्पिरुलिना में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हमारे शरीर को फ्री-रेडिकल्स से बचाते हैं। मुक्त कण शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और दीर्घकालिक बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जैसे हृदय रोग, कैंसर और समय से पहले बुढ़ापा। स्पिरुलिना में मुख्य एंटीऑक्सीडेंट फाइकोसाइनिन (phycocyanin) होता है, जो इसके नीले-हरे रंग के लिए भी जिम्मेदार होता है। यह इंफ़्लेमेशन को कम करने में मदद करता है और शरीर को नैचुरली डिटॉक्सिफ़ाई करने में मदद करता है।

स्पिरुलिना त्वचा की झुर्रियाँ, काले घेरे और उम्र बढ़ने को कम करने में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन करने से कोशिकाओं की सुरक्षा (सेल डेफेंस) भी बढ़ती है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इस कारण यह आपको विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से बचाने में भी सहायक हो सकता है।

3. शरीर को डिटॉक्स करने में मदद
आधुनिक जीवनशैली और प्रदूषित वातावरण में हमारे शरीर में टॉक्सिन्स का जमाव हो सकता है। स्पिरुलिना प्राकृतिक रूप से शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह शरीर से हेवी मेटल्स को बाहर निकालने में सहायक होता है, विशेष रूप से आर्सेनिक और अन्य टॉक्सिक तत्वों को कम करने में कारगर है।

इसके अलावा, स्पिरुलिना में क्लोरोफिल की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर को साफ करने में और ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। जब आपका शरीर विषाक्त पदार्थों से मुक्त होता है, तो आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, त्वचा की चमक में सुधार होता है, और समग्र स्वास्थ्य में भी बढ़ोतरी होती है।

4. प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना
स्पिरुलिना का नियमित सेवन आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। यह शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) को सक्रिय करता है, जो शरीर के रोगाणुओं से लड़ने का काम करती हैं। इसके कारण आप बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम होते हैं और संक्रमणों से बचाव होता है।

इसके अलावा, स्पिरुलिना में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर को संक्रमणों से सुरक्षित रखते हैं। विशेष रूप से जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है या जो किसी पुरानी बीमारी से ग्रस्त होते हैं, उनके लिए स्पिरुलिना का सेवन अत्यधिक फायदेमंद हो सकता है।

5. वजन कम करने में सहायक
स्पिरुलिना वजन कम करने में भी सहायक हो सकता है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, लेकिन यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके सेवन से आपको भूख कम लगती है और आप लंबे समय तक संतुष्ट महसूस करते हैं, जिससे आप अधिक कैलोरी का सेवन नहीं करते। यह आपके मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ावा देता है, जिससे आपके शरीर को कैलोरी को जलाने में मदद मिलती है।

इसके अलावा, स्पिरुलिना में फैटी एसिड्स, जैसे गामा-लिनोलेनिक एसिड (GLA) भी होते हैं, जो वजन कम करने और शरीर की वसा को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से आपको ऊर्जावान महसूस होता है, जिससे आप अपने वर्कआउट और दैनिक गतिविधियों को बेहतर तरीके से कर सकते हैं, और वजन प्रबंधन में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

6. मधुमेह में बेहद लाभकारी
स्पिरुलिना मधुमेह रोगियों के लिए एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय हो सकता है। स्पिरुलिना के नियमित सेवन से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद फाइकोसाइनिन जैसे तत्व रक्त में शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में सहायक होते हैं।
इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होने से शरीर इंसुलिन का बेहतर उपयोग कर पाता है और रक्त में शर्करा का स्तर स्थिर रहता है। स्पिरुलिना इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाने में मदद करता है
मधुमेह से पीड़ित लोगों में इंफ्लेमेशन की समस्या सामान्य होती है, जो कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। स्पिरुलिना में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह मधुमेह के कारण होने वाली इंफ्लेमेशन और उसके परिणामस्वरूप होने वाले हानिकारक प्रभावों से शरीर को बचाता है।

7. एनीमिया में फ़ायदेमंद
एनीमिया की समस्या तब होती है जब शरीर में हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है, जिससे शरीर के ऊतकों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती। स्पिरुलिना एनीमिया में कई तरह से लाभकारी साबित हो सकता है।

एक तो स्पिरुलिना में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है। आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए आवश्यक होता है, जो रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाने का काम करता है। एनीमिया के मरीजों को अक्सर आयरन की कमी होती है, और स्पिरुलिना के सेवन से यह कमी पूरी की जा सकती है। इसके अलावा, स्पिरुलिना में पाया जाने वाला आयरन शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाता है, जिससे इसका प्रभाव अधिक तेज और प्रभावी होता है।

इसके अलावा, इसमें विटामिन बी12 की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। बी12 की कमी से भी एनीमिया हो सकता है, और स्पिरुलिना के सेवन से यह कमी पूरी की जा सकती है। एनीमिया के कारण अक्सर व्यक्ति थकान, कमजोरी और ऊर्जा की कमी का अनुभव करता है। स्पिरुलिना में मौजूद आयरन और अन्य पोषक तत्व शरीर की ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करते हैं।

 

स्पिरुलिना एक ऐसा सुपर-फ़ूड है जो ग्लोबल वार्मिंग से लड़ाई में भी सहायक है। ऐसा इसलिए कि स्पिरुलिना के उत्पादन में बहुत कम संसाधनों की आवश्यकता होती है। इसे उगाने के लिए कम पानी, कम जगह और कम ऊर्जा की जरूरत होती है। इसलिए, इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी लाभकारी माना जाता है।

 

ये तो हुई स्पिरुलिना के शानदार हेल्थ बेनेफ़िट्स और वो तमाम कारण जिसके लिए आपको स्पिरुलिना हर दिन लेना चाहिए। लेकिन, बड़ा सवाल ये उठता है कि – क्या है इस सुपर-फ़ूड को हर दिन लेने का सबसे आसान और किफ़ायती तरीक़ा?

 

स्पिरुलिना को नियमित रूप से लेने का सबसे अच्छा, सुविधाजनक और किफ़ायती तरीका है – इसे सप्लीमेंट्स के रूप में लेना। अब आप सोचेंगे कि आख़िर सप्लीमेंट के रूप में ही स्पिरुलिना को क्यों लेना चाहिए? इसके 4 बड़े कारण हैं

 

एक तो स्पिरुलिना को सप्लीमेंट के रूप में लेना बेहद सुविधाजनक होता है। इसे आप अपने दैनिक जीवन में बिना किसी विशेष तैयारी के शामिल कर सकते हैं। छोटी सी कैप्सूल को पानी के साथ आसानी से निगला जा सकता है।

 

दूसरी बात है - इसका सटीक डोज प्राप्त करना। सप्लीमेंट के रूप में स्पिरुलिना का सेवन करने से आप सटीक और नियंत्रित मात्रा में इसे ले सकते हैं। 500mg की 2 कैप्सूल आपको स्पिरुलिना की सही मात्रा दे सकती है। इसके विपरीत, यदि आप इसे प्राकृतिक रूप में लेते हैं, तो सही मात्रा का निर्धारण करना मुश्किल हो सकता है।

 

तीसरी बात है - स्वाद की समस्या से बचाव। स्वाद के मामले में, स्पिरुलिना की प्राकृतिक रूप में कड़वा या अल्गी जैसा स्वाद हो सकता है, जो कई लोगों को पसंद नहीं आता। लेकिन जब आप इसे कैपस्युल फ़ॉर्म में निगल जाते हैं तो स्वाद का मुद्दा नहीं रहता और आप इसे बिना किसी परेशानी के आसानी से ले सकते हैं।

 

चौथी बात है कि सप्लीमेंट के रूप में स्पिरुलिना की शेल्फ लाइफ अधिक होती है, जो इसे लंबे समय तक सुरक्षित और प्रभावी बनाए रखती है। इससे आप इसे लंबे समय तक उपयोग में ले सकते हैं। साथ ही सप्लीमेंट्स में स्पिरुलिना को शुद्ध और कॉन्सेंट्रेटेड रूप में प्रदान किया जाता है, जो इसे हमारी बॉडी के लिए अधिक प्रभावी बनाता है।

 

यह बात तो स्पष्ट है कि स्पिरुलिना एक जबदस्त सुपर-फ़ूड है जिसे हर दिन लिया जाना चाहिए। हमने यह भी समझा कि इसे लेने का सबसे बढ़िया और सुविधाजनक तरीक़ा इस सप्लीमेंट्स के रूप में लेना है। स्पिरुलिना सप्लीमेंट का ऐसा सी एक बेहतरीन नाम है – ‘गोयंग स्पिरुलिना’। यह 500mg के कैपस्युल फ़ॉर्म में है जो प्योर व ओर्गानिक स्पिरुलिना से बना है और आपको देता है शुद्धतम स्पिरुलिना का डेली डोज़ वो भी बेहद किफ़ायती तरीक़े से।

 

Written By : Dr Rajesh Singh

 

 

Leave your comment
Comments
10 Sep 2024
The blog shared by Dr.Rajesh Singh Sir on a wonderful product of Goyng brand called Saprinula. It's very good product for improving our overall health and enhanced immunity in our body.
    I have already used this product and got amazing results. I also suggest to you all to include in your diet chart for daily use.
     I want to give lots of thanks to Dr.Rajesh Singh Sir for providing such a great products through The name called Goyng brand, which has already been recognised by various organisations worldwide.
     Dr.Suresh Kumar Chunbouk,
Certified Wellness Advisor,
Cleansing Therapist, PLR Therapist and Hypnosis Therapist,
M.no 98180 93434, 98180 31886.