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नैचुरल वेट-लॉस के लिए 6 चमत्कारी हर्ब्स

नैचुरल वेट-लॉस के लिए 6 चमत्कारी हर्ब्स

हमारे देश में क़रीब 70% आबादी ओवरवेट है और इसीलिए भारत ज़्यादा वजन (ओवरवेट) होने के मामले में दुनिया के टॉप-3 देशों में शामिल है। एशियन-इंडियन फ़िनोटाइप की वजह से भारत में पेट के मोटापे यानी बेली फ़ैट या तोंद निकलने की समस्या ज़्यादा है। और इन सबका कारण है - हमारा खान-पान और लाइफ़स्टाइल।

शहरों में ज़्यादातर लोग या तो अपना वजन कम करना चाहते हैं या अपने वेट को लेकर काफ़ी सजग हैं। एक स्टडी के मुताबिक़ जिम में एडमिशन कराने वाले क़रीब आधे से ज़्यादा लोग अपना वजन या पेट कम करने के लिए वहाँ जाते हैं।

अपना वजन कम करने के लिए लोग जिम के अलावा तरह-तरह के तरीक़े आजमाते रहते हैं जैसे – कैलरी काउंटिंग, डाइट-प्लान, इंटरमिटेंट फास्टिंग, लो-कार्ब डाइट, वेट-लॉस की दवाइयों से लेकर बेरियाट्रिक सर्जरी तक।

इनमें से किसी भी विधि का चयन करते समय यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि वह आपके स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और आपके जीवनशैली के अनुकूल हो।

नेचुरल तरीक़े से वेट-लॉस व वेट-मैनेजमेंट के लिए ज़रूरी है कि अपने लाइफ़स्टाइल में ज़रूरी
बदलाव लाया जाए। जितना हो सके एक्टिव रहा जाए और स्लीप हाइजीन रखी जाए ताकि अच्छी नींद हो सके क्योंकि नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन बढ़ सकते हैं। हाइड्रेशन भी ज़रूरी है ताकि भूख को नियंत्रित रखा जा सके। साथ ही तनाव को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि तनाव के कारण भी वजन बढ़ सकता है।

यदि आप बिल्कुल नेचुरल तरीक़े से अपना वेट मैनेजमेंट करना चाहते हैं तो हर्ब्स का प्रयोग इसके लिए सबसे बढ़िया तरीक़ा है। वजन घटाने के लिए हर्ब्स या जड़ी-बूटियों का उपयोग एक प्राचीन और सुरक्षित तरीका है, जो आपके स्वास्थ्य पर किसी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव डाले बिना शरीर के फ़ैट को कम करने में आपकी मदद करता है।

नैचुरल वेट लॉस के लिए हर्ब्स ही क्यों?
पहला कारण तो ये कि, यह तरीका पूरी तरह से प्राकृतिक है, जो शरीर पर किसी भी तरह के रासायनिक प्रभाव से बचाता है। जड़ी-बूटियों में ऐसे गुण होते हैं जो आपके शरीर की मेटाबोलिज़्म (चयापचय दर) को बढ़ाने, पाचन को सुधारने और फ़ैट को जलाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, ये हर्ब्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो आपके समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती हैं।

दूसरा कारण ये है कि हर्ब्स आपको स्थायी और दीर्घकालिक परिणाम देती हैं। और वेट-लॉस में शॉर्ट-टर्म रिज़ल्ट ज़्यादा नुक़सानदेह होता है क्योंकि उससे आपके हेल्थ को नुक़सान होता है और अक्सर वेट भी बाउन्स-बैक होता है। लेकिन जब आप हर्ब्स या जड़ी-बूटियों के माध्यम से वजन घटाते हैं, तो यह प्रक्रिया नेचुरल, धीमी और स्थिर होती है, जिससे आपको वजन को बनाए रखने में मदद मिलती है।

तीसरा कारण है कि ये हर्ब्स न केवल वजन घटाने में मदद करते हैं, बल्कि आपके पाचन तंत्र, इम्यून सिस्टम, और हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती हैं। इनका उपयोग आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। कुछ हर्ब्स तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती हैं, जो कि वजन घटाने की प्रक्रिया को प्राकृतिक तरीक़े से और भी आसान बना देते हैं।

अब सवाल उठता है कि इतने सारे जड़ी-बूटियों में से कौन से हर्ब्स का इस्तेमाल करें? कितनी मात्रा में करें? और कैसे करें? इस ब्लॉग में आप जानेंगे 6 ऐसे चुने हुए चमत्कारी हर्ब्स जो नेचुरल वेट-लॉस के लिए ज़बरदस्त प्रभावी होते हैं। साथ ही आप जानेंगे कि इनकी कितनी मात्रा लेनी चाहिए और इनका कॉम्पोज़िशन क्या होना चाहिए।

पहले जानते हैं उन चुने हुए 6 चमत्कारी हर्ब्स के बारे में, जो वजन घटाने के लिए सुपर प्रभावी मानी जाती हैं।

गार्सिनिया कॉम्बोजिया
दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला यह औषधीय फल वजन कम करने के लिए बेहद प्रसिद्ध है। इसमें एक सक्रिय घटक होता है जिसे हाइड्रॉक्सीसिट्रिक एसिड (HCA) कहा जाता है। यह HCA शरीर में फैट बनने की प्रक्रिया को धीमा करने और भूख को कम करने (Appetite Suppressant) में मदद करता है।

दरअसल, गार्सिनिया कॉम्बोजिया सेरोटोनिन स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड और भूख को नियंत्रित करता है। सेरोटोनिन स्तर में वृद्धि के कारण भावनात्मक खाने की प्रवृत्ति कम हो सकती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
HCA शरीर में सिट्रेट लाइज़ एंजाइम को रोकता है, जो कार्बोहाइड्रेट को फैट में बदलने के लिए जिम्मेदार होता है। जब यह एंजाइम अवरुद्ध हो जाता है, तो शरीर में फैट का निर्माण कम हो जाता है और शरीर में जमा फैट को ऊर्जा के रूप में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

ग्रीन कॉफी
वजन कम करने में अपने ज़बरदस्त भूमिका के लिए जाना जाने वाला एक और हर्ब है - ग्रीन कॉफी। इसमें पाया जाता है एक विशेष एक्टिव कंपाउंड जिसे कहते हैं CGA (क्लोरोजेनिक एसिड)। ग्रीन कॉफी बिना रोस्ट किए गए कॉफी बीन्स से बनाई जाती है, जिसके कारण इसमें क्लोरोजेनिक एसिड की मात्रा बनी रहती है। CGA का मुख्य कार्य शरीर में ग्लूकोज की अवशोषण प्रक्रिया को धीमा करना और फैट मेटाबॉलिज़्म को बढ़ावा देना है।

CGA लिवर में ग्लूकोज के रिलीज़ को कम करता है, जिससे बॉडी को ऊर्जा के लिए संग्रहीत फैट का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इससे फैट ब्रेक होता है और मेटाबॉलिज़्म को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा, ग्रीन कॉफी का सेवन भूख को कम करने में भी सहायक होता है, जिससे कैलोरी का सेवन कम हो जाता है।

ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन भी मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे कैलोरी बर्न करने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।

करक्यूमिन
हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन अपने ढ़ेर सारे हेल्थ बेनेफ़िट्स के लिए जाना जाता है। लेकिन प्राकृतिक रूप से वजन कम करने में भी करक्यूमिन बहुत प्रभावी होता है। कारण है इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण, जो वजन बढ़ने के कारण होने वाले इंफ़्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं।

मोटापा अक्सर शरीर में इंफ़्लेमेशन को बढ़ाता है, जो फैट टिशू में जमा होती है। और करक्यूमिन का मुख्य कार्य शरीर में इंफ़्लेमेशन को कम करना है। यह इन इनफ़्लेमेट्री मॉलेक्यूल्स को रोकता है और मेटाबॉलिज़्म को सुधारता है, जिससे फैट बर्न होकर एनर्जी में इस्तेमाल होता है। करक्यूमिन इंसुलिन सेन्सिटिविटी को भी बढ़ावा देता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर संतुलित रहता है और वजन कम करने में सहायता मिलती है।

करक्यूमिन लिवर में फैट के उत्पादन को भी नियंत्रित करता है और शरीर में फैट के जमाव को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा कर्क्यूमिन भूख को नियंत्रित करने और फ़ैट की अधिकता को रोकने में सहायक होता है।

पाइपेरीन
करक्यूमिन कि बायो-अवैलेबिलिटी बहुत कम होती है लेकिन यदि उसे पाइपेरीन के साथ लिया जाए तो वो शरीर में ज़्यादा बढ़िया से अवशोषित होती है। साथ ही पाइपेरीन में फ़ैट कम करने के विलक्षणकारी गुण होते हैं।

पाइपेरीन काली-मिर्च के छिलके में पाया जाने वाला एक मेडिसीनल कंपाउंड है, जो आपके वेट-लॉस के लिए चमत्कारी हो सकता है। इसका मुख्य कार्य मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करना और शरीर में फैट के डिपॉज़िट को कम करना है।

पाइपेरीन थर्मोजेनेसिस की प्रक्रिया को स्टीम्युलेट करता है, जिससे शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है और कैलोरी बर्न होती है। यह प्रक्रिया फैट के टूटने और उसे ऊर्जा में बदलने में मदद करती है। इसके अलावा, पाइपेरीन बॉडी में नई फैट-सेल्स के निर्माण को रोकने में मदद करता है जिससे वेट-गेन की संभावना कम हो जाती है।

गुग्गुल
वेट-लॉस के लिय एक और बेहद प्रभावी हर्ब है – गुग्गुल। इसका उपयोग प्राचीन काल से ही वजन-नियंत्रण के लिए किया जाता रहा है। इसमें गुग्गुलस्टेरोन नामक सक्रिय यौगिक होता है, जो बॉडी के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता और फैट बर्निंग की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है।

हमारे शरीर का मेटाबॉलिज़्म हमारे थायरॉयड ग्रंथि से नियंत्रित होता है। और गुग्गुल इस थायरॉयड ग्रंथि के कार्य को स्टीम्युलेट करता है। जब थायरॉयड हार्मोन का स्तर बढ़ता है, तो शरीर में कैलोरी-बर्न की दर बढ़ जाती है, जिससे वेट-लॉस आसान हो जाता है।

इसके अलावा, गुग्गुल शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में भी मदद करता है, जो मोटापा और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। यह फैट टिशू में भी इंफ़्लेमेशन को कम करता है, जिससे शरीर में फैट-डिपॉज़िट में कमी आती है।

ग्रीन-टी
वजन घटाने के लिए सबसे ज़्यादा चर्चित और लोकप्रिय हर्ब शायद ग्रीन-टी ही है। ग्रीन-टी के अंदर कैटेकिन्स नामक एक्टिव कंपाउंड पाया जाता है जो वजन कम करने में बड़ा प्रभावी है।

कैटेकिन्स, विशेष रूप से एपिगैलोकैटेकिन गैलेट (EGCG), ग्रीन टी में मौजूद एक प्रमुख एंटीऑक्सिडेंट है। इसका काम मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाना और शरीर में फैट-ऑक्सिडेशन की प्रक्रिया को तेज करना है। और जब मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है, तो शरीर अधिक कैलोरी बर्न करता है जिससे नेचुरल तरीक़े से वजन कम होता है।

इसके अलावा, ग्रीन टी भूख को भी नियंत्रित करता है, जिससे कैलोरी का सेवन कम हो सकता है। यह शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने में भी सहायक है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

ये तो हुई उन 6 चमत्कारी हर्ब्स की बात। लेकिन अब आप यह अवश्य जानना चाहते होंगे कि इन 6 हर्ब्स को उनकी सही मात्रा और कॉम्पोज़िशन में हर दिन लेने का सबसे आसान तरीक़ा क्या है?

इसका सबसे बढ़िया तरीक़ा है इसे सप्पलेमेंट के रूप में लिया जाए। और ऐसा ही एक बेहतरीन सप्पलेमेंट फ़ॉरम्युलेशन है – गोयंग का गो-स्लिम। यह टैब्लेट फ़ॉर्म में है और इसमें हैं सभी 6 चमत्कारी हर्ब्स - ग्रीन कॉफी, गार्सिनिया कॉम्बोजिया, गुग्गुल, ग्रीन-टी, करक्यूमिन व पाइपेरीन। आप गो स्लिम के टैब्लेट को बड़े सहुलियत से हर दिन ले सकते हैं और अपने वेट मैनेजमेंट को नेचुरल, सुरक्षित और आसान बना सकते हैं।

Written By: Dr Rajesh Singh

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