धनतेरस भारत में सबसे अधिक मनाए जाने वाले हिंदू त्योहारों में से एक है, जो पांच दिवसीय दिवाली त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है। हिंदू परिवारों में धनतेरस का बहुत महत्व है। अक्सर लोग इस दिन को समृद्धि और धन की देवी लक्ष्मी से जोड़ कर देखते हैं और इस दिन क़ीमती धातु, ज़ेवरात आदि ख़रीदने को शुभ मानते हैं।
लेकिन, वास्तव में यह त्योहार न केवल भौतिक संपदा के बारे में है बल्कि स्पिरिचूअल वेल-बीइंग और हेल्थ के बारे में भी है। क्योंकि आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की जयंती दिवाली से दो दिन पहले, धनतेरस के रूप में मनाई जाती है।
धनतेरस धन के लिए या हेल्थ के लिए?
पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और राक्षसों ने मिलकर अमरता का अमृत निकाला था। वासुकि नाग को मंथन की रस्सी के रूप में और मंदार पर्वत को मंथन के खंभे के रूप में उपयोग करते हुए, उन्होंने एक साथ काम किया।
किंवदंतियों के अनुसार, भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के बारे में अपना ज्ञान साझा करने के लिए पृथ्वी पर लौटने की भविष्यवाणी की गई है। यह तब हुआ जब काशी के राजा दीर्घतमस ने भगवान धन्वंतरि के पिता बनने के लिए तपस्या की। अपने जन्म के बाद, धन्वंतरि ने सख्त अनुशासन का पालन किया और बाद में अपने शिष्यों को आयुर्वेद की शिक्षा दी, जिनमें सुश्रुत और औरभ जैसे उल्लेखनीय व्यक्ति शामिल थे।
भक्त अपनी पूजा के हिस्से के रूप में घी के दीपक जलाते हैं और मिठाइयाँ चढ़ाते हैं, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए अक्सर दीये को उत्तर-पूर्व में रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन प्रार्थना करने से रोग और परेशानियां दूर हो सकती हैं।
धन्वंतरि - स्वास्थ्य और उपचार के देवता
प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में भगवान धन्वंतरि का बहुत सम्मान किया जाता है। धनतेरस पर, कई लोग उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, क्योंकि वह हेल्थ, हीलिंग और आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करते हैं। आयुर्वेद शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन की अवधारणा पर आधारित है। धनतेरस मनाने और भगवान धन्वंतरि से प्रार्थना करने से हमें अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने, प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने और प्रीवेंटिव-केयर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
आयुर्वेद एक संतुलित जीवनशैली पर भी जोर देता है, जिसमें पौष्टिक आहार लेना, स्वच्छता बनाए रखना, व्यायाम करना और मानसिक शांति का अभ्यास करना शामिल है। इस प्रकार, धनतेरस इस विचार को बढ़ावा देता है कि स्वास्थ्य खुशी और सफलता की नींव है। लोग अक्सर धनतेरस का उपयोग नई स्वास्थ्य दिनचर्या शुरू करने, आयुर्वेद सिद्धांतों को अपनाने और बेहतर जीवनशैली विकल्प चुनने के लिए करते हैं। धनतेरस पर तो अब पूरी दुनिया के साथ भारत 'आयुर्वेद दिवस' मनाता है
धन्वंतरि – हेल्थ और हीलिंग के देवता
धन्वंतरि, हिंदू पौराणिक कथाओं में, देवताओं के चिकित्सक। पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और राक्षसों ने जब दूधिया सागर का मंथन करके अमृत की खोज की तब भगवान धन्वंतरि अमृत से भरा प्याला लेकर पानी से बाहर निकले। चिकित्सा की पारंपरिक प्रणाली आयुर्वेद का श्रेय भी उन्हीं को दिया जाता है।
सही मायने में आयुर्वेद की मूल अवधारणा मूलतः धन्वंतरि से जुड़ी हुई है, जिन्हें हिंदू चिकित्सा का देवता माना जाता है। धन्वंतरि को क्षीर सागर के मंथन के अंत में एक ओर अमृत और दूसरी ओर आयुर्वेद के साथ जन्मे एक पौराणिक देवता माना जाता है।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में उल्लेख है कि धनतेरस जैसे त्योहार मौसमी सफाई और कायाकल्प के लिए सही समय हैं। सर्दियों की शुरुआत शरीर की संरचना में बदलाव लाती है, जिससे यह डीटॉक्स करने और ठंड के महीनों के लिए तैयार होने का आदर्श समय बन जाता है।
धनतेरस से जुड़ी सभी परंपराएं किसी न किसी तरह स्वास्थ्य और उपचार से जुड़ी हैं। सोना और चांदी खरीदना, घरों की सफाई और सजावट करना, रंगोली बनाना, घरों को रोशन करने के लिए दीयों का उपयोग करना, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना, विशेष व्यंजन तैयार करना।
धनतेरस में स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना निहित है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सच्चा धन केवल संपत्ति में नहीं, बल्कि हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में भी होता है। आइए समझें कि धनतेरस का पर्व कैसे हेल्थ और हीलिंग से जुड़ा हुआ है।
1. धनतेरस और धनवंतरि का कनेक्शन
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है, जिन्हें आयुर्वेद का देवता माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे, जो अमरता और स्वास्थ्य का प्रतीक था। धनवंतरि को चिकित्सा और स्वास्थ्य का संरक्षक माना जाता है, और उनकी पूजा करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होने की मान्यता है।
2. स्वास्थ्यप्रद परंपराएँ
धनतेरस पर घर की साफ-सफाई और घर के वातावरण को शुद्ध करना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। माना जाता है कि इस दिन घर में सफाई करने और नए बर्तन खरीदने से न केवल आर्थिक समृद्धि आती है, बल्कि यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। सफाई से घर का वातावरण स्वच्छ और शुद्ध होता है, जो मन को प्रसन्नता और शांति प्रदान करता है। यह तनाव को कम करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक होता है।
3. स्वास्थ्यवर्धक आयुर्वेदिक उपचारों का महत्व
धनतेरस के दिन आयुर्वेदिक उपचारों और औषधियों का उपयोग भी बढ़ जाता है। आयुर्वेद, जो भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, का मुख्य उद्देश्य शरीर को स्वस्थ और संतुलित रखना है। इस दिन लोग विशेष रूप से आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन करते हैं और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। भगवान धनवंतरि की पूजा के माध्यम से स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली अपनाने का संदेश मिलता है। इससे लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक होते हैं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का प्रयास करते हैं।
4. ताम्र और चांदी के बर्तन का महत्व
धनतेरस के दिन तांबे और चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा है। आयुर्वेद में तांबा और चांदी के बर्तनों का स्वास्थ्यवर्धक लाभ बताया गया है। तांबे का जल पीना पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होता है, और चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। यह परंपरा न केवल धार्मिक मान्यता से जुड़ी है, बल्कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी लाभदायक है, क्योंकि तांबे और चांदी के तत्व शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।
5. मानसिक शांति और तनावमुक्ति के लिए योग और ध्यान
धनतेरस के दिन स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए योग और ध्यान का अभ्यास करने की परंपरा भी है। दीपावली के इस पवित्र समय में ध्यान और योग के माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त की जाती है। ध्यान और योग से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और तनाव कम होता है। इसे स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता के बीच के संबंध के रूप में देखा जा सकता है, जो हमें मानसिक रूप से भी सशक्त करता है।
6. पौष्टिक आहार और स्वस्थ खानपान
धनतेरस के दिन स्वस्थ और पौष्टिक भोजन बनाने और खाने का भी रिवाज है। इस दिन बनने वाले पकवानों में पोषक तत्व होते हैं जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इस दिन लोग विशेष रूप से आयुर्वेदिक मसालों का उपयोग करते हैं जो हमारे पाचन तंत्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। यह हमें स्वास्थ्यवर्धक खानपान की आदत को अपनाने की प्रेरणा देता है।
7. सकारात्मक सोच और मानसिक स्वास्थ्य
धनतेरस के दिन सकारात्मक सोच और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का महत्व भी बताया गया है। दीपावली के समय लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ बाँटते हैं, जो मानसिक शांति और संतुष्टि को बढ़ावा देती है। यह मानसिक तनाव को कम करने और जीवन में सकारात्मकता लाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन का संदेश है कि सच्ची संपत्ति हमारे अंदर की संतुष्टि और मानसिक स्वास्थ्य है, जो किसी भी भौतिक वस्तु से अधिक महत्वपूर्ण है।
धनतेरस एक पर्फ़ेक्ट समय है - जब आप हेल्दी-फ़ूड के प्रति अपनी कमिटमेंट शुरू कर सकते हैं या रीन्यू कर सकते हैं। अपने भोजन में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज शामिल करें, और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और मीठे स्नैक्स का सेवन कम से कम करें।
धनतेरस होलिस्टिक वेलनेस पर फ़ोकस करने का एक सुंदर अवसर है। जब आप इस दिन को मनाते हैं, तो याद रखें कि सच्ची संपत्ति में आपके मन, शरीर और आत्मा की वेल-बीइंग शामिल है। धनतेरस आपके जीवन के इन पहलुओं को नरिश करके आपको एक हेल्दी और वेल्दी भविष्य की ओर ले जाता है।