लिबीडो व सेक्स ड्राइव का कम होना किसी भी उम्र, लिंग या यौन रुझान वाले किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। उम्र बढ़ने के साथ हार्मोनल और जीवनशैली में बदलाव के कारण आपकी सेक्स ड्राइव में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
30 से 59 वर्ष की उम्र के बीच की 3 में से 1 महिला को अपने जीवन में कभी न कभी लो-सेक्स ड्राइव का अनुभव होता है। 6 में से 1 महिला में - नियमित रूप से यौन इच्छा का स्तर कम होता है, यानी इतना कम कि व्यक्ति इसे एक समस्या के रूप में देख सके। इसी तरह यह 5 में से 1 पुरुष को प्रभावित करती है। एक रिसर्च में पाया गया कि लगभग 14% से 19% पुरुषों में उनकी यौन इच्छा कम है या समस्यात्मक रूप से कम है। इसलिए यह समस्या काफ़ी आम है जिसपर लोग ज़्यादा ध्यान नहीं देते।
आपके शारीरिक स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं की तरह ही लिबीडो व सेक्स-ड्राइव का स्वस्थ होना भी जरूरी है और इसमें कोई शर्म की बात नहीं है। इसलिए अगर आप लो-सेक्स ड्राइव का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको पहले इसके कारणों के बारे में पता लगाना चाहिए। लिबीडो कम होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं और ये कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप उन चीजों पर नज़र रखें जो आपकी सेक्स ड्राइव और लिबिडो को कम कर रही हैं। मानसिक चिंता से लेकर समस्यापूर्ण रिश्ते तक - कई चीजें आपकी सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकती हैं
क्या है ये लिबीडो?
लिबीडो को अक्सर यौन-इच्छा और सेक्स-ड्राइव के पर्याय के रूप में प्रयोग किया जाता है। लिबीडो एक मोटिवेशनल रिवार्ड की अवस्था है - भूख और प्यास जैसी कोई जैविक आवश्यकता नहीं। क्योंकि हम सेक्स के बिना मरेंगे नहीं। दूसरे शब्दों में, हम सेक्स से मिलने आनंद व रिवार्ड के लिए प्रेरित होते हैं, जैसे साथी के साथ निकटता और चरमसुख।
डिज़ायर दो प्रकार की होती है:
>> स्पोंटेनीयस (सहज) डिज़ायर एक संकेत से उत्पन्न होने वाली यौन-इच्छा का वर्णन करती है, जैसे कि किसी ऐसे व्यक्ति को देखना जिसके प्रति आप आकर्षित होते हैं।
>> रेस्पॉन्सिव डिज़ायर का अर्थ है शारीरिक संतुष्टि से परे कारणों से यौन-संबंध बनाना, जैसे कि अपने साथी के करीब महसूस करना।
फ़ैक्टर्स जो लिबीडो को प्रभावित करते हैं
री-प्रोडक्टिव हार्मोन टेस्टोस्टेरोन पुरुष की यौन-इच्छा और उत्तेजना में प्राथमिक भूमिका निभाता है। इसके विपरीत, एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन महिला कामेच्छा को नियंत्रित करते हैं। लेकिन दोनों लिंगों में, ‘लिबीडो’ जैविक, मनोवैज्ञानिक, रेलेशनल, मेडिकल और सांस्कृतिक सम्बंधित फ़ैक्टर्स के एक जटिल मिश्रण से उत्पन्न होती है।
लिबीडो कम होने के कारण
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कम कामेच्छा या सामान्य इच्छा की कोई स्टैंडर्ड परिभाषा नहीं है। उदाहरण के लिए, इसका मतलब यह हो सकता है कि आपकी इच्छा आपके साथी की तुलना में कम है या आप पहले की तुलना में कम इच्छा का स्तर अनुभव कर रहे हैं।
ऐसे कई कारण हैं जो लिबीडो को कम कर सकते हैं या घटे हुए कामेच्छा का ज़िम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
👉🏿 उम्र का बढ़ना
👉🏿 रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज़
👉🏿 टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन व थायरॉयड समस्याओं सहित हार्मोनल मुद्दे
👉🏿 हृदय रोग और मोटापा जैसे मेडिकल कंडीशन
👉🏿 एंटीडिप्रेसेंट्स, हार्मोनल गर्भनिरोधक, एंटीसाइकोटिक्स और रक्तचाप की दवाएं
👉🏿 डिप्रेशन, चिंता या दीर्घकालिक तनाव
👉🏿 ख़राब शारीरिक छवि
👉🏿 जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं जैसे खराब-पोषण, व्यायाम की कमी और नींद की कमी
👉🏿 रिश्ते की समस्याएं जैसे कम्पैटिबिलिटी इश्यू व खराब कम्यूनिकेशन
👉🏿 शराब, सिगरेट या नशीली दवाओं का सेवन
👉🏿 पेनफुल-सेक्स या इरेक्टाइल डिस्फ़ंक्शन जैसे यौन मुद्दे
अपने लिबीडो को कैसे बढ़ायें?
1. अपना आहार हेल्दी रखें
हालाँकि कामेच्छा बढ़ाने के लिए कोई विशिष्ट आहार नहीं है, लेकिन अच्छा पोषण समग्र यौन क्रिया में सुधार कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक अच्छी तरह से संतुलित आहार आपके हार्ट-हेल्थ को सपोर्ट करता है, इन्फ़्लमेशन को कम करता है तथा यौन-इच्छा को बढ़ाने वाले हार्मोन उत्पादन के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
उचित पोषण यौन-स्वास्थ्य में एक आवश्यक भूमिका निभाता है। हार्मोनल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए आपका आहार संतुलित होना चाहिए जिसमें फलों और सब्जियों, साबुत अनाज, दालें, नट्स, फलियां, कम वसा वाले डेयरी और लीन-मीट जैसे हेल्दी फ़ूड होने चाहिए। संतुलित पोषण सुनिश्चित करने के लिए आप न्यूट्रिम्यूनो और न्यूट्रीफेम जैसे सप्लेमेंट्स भी ले सकते हैं। सैचुरेटेड फ़ैट, रेफ़ायंड कार्बोहाइड्रेट और एक्स्ट्रा शुगर से बचें या उसे कम करें। शराब के अत्यधिक सेवन से बचना भी आपके लिबीडो को कम होने से बचा सकता है।
हर रोज एक सेब का फ़ायदा है। सेब में एक फाइटोएस्ट्रोजन होता है जिसका नाम Phloridzin है। यह आपकी उत्तेजना को बेहतर करता है, लुब्रिकेशन और सेक्सुअल फंक्शन को बढ़ाता है। अनार, बादाम, बेरीज़ आदि का प्रतिदिन सेवन लाभकारी है। लहसुन, अदरक और प्याज भी एक प्रभावी एफ्रोडिसिएक के तौर पर काम करते हैं।
2. पर्याप्त व्यायाम करें
लिबीडो बढ़ाने के प्राकृतिक तरीक़ों में से एक है – व्यायाम। इसका आप सीधा फ़ायदा ले सकते हैं। व्यायाम कई कारणों से लिबीडो को बढ़ा सकता है। उदाहरण के लिए, यह हार्ट-हेल्थ और रक्त-प्रवाह में सुधार करता है, जो यौन सुख के लिए आवश्यक है। दरअसल, शोध से पता चलता है कि महिलाओं में यौन उत्तेजना के लिए पर्याप्त क्लिटोरल और योनि रक्त प्रवाह आवश्यक है। पुरुषों के लिए भी यही सच है - इरेक्शन हासिल करने और बनाए रखने के लिए रक्त प्रवाह महत्वपूर्ण है।
वेट-लिफ़्टिंग से शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन होता है, जो सेक्स ड्राइव के लिए महत्वपूर्ण प्री-कर्सर है। रीसर्च में बॉडी-डिस्सैटिस्फ़ैक्शन और ख़राब यौन-इच्छा - दोनों के बीच एक कनेक्शन पाया गया है। शारीरिक छवि में निहित लो-डिज़ायर के लिए व्यायाम बेहद प्रभावी होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मूव्मेंट आपके मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है, जो डिज़ायर में मदद कर सकता है।
योगा में भी कुछ ऐसे आसन हैं जो पेल्विक मसल्स को मजबूत बनाकर लिबिडो और स्टैमिना बढ़ाते हैं। कुछ योगासन हैं जिनका अभ्यास करने से कीगल मसल्स पर असर पड़ता है। इससे इरेक्शन को मजबूत करने और लिबीडो बढ़ाने में मदद करती हैं। नौकासन, दंडयमन धनुरासन, सालभासन, बिटिलासन मार्जरासन, वीरभद्रासन ऐसे ही कुछ आसन हैं।
3. भरपूर नींद लें
व्यस्त जीवनशैली के कारण रात में अच्छी नींद लेना मुश्किल हो सकता है, जिससे आप दिन भर थकान और तनाव महसूस कर सकते हैं। आपके शरीर के सामान्य रूप से कार्य करने के लिए नींद बेहद महत्वपूर्ण है। पर्याप्त नींद लेने से आपकी सेक्स-ड्राइव को बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है।
नींद की कमी यौन-इच्छा और उत्तेजना में कमी से जुड़ी हुई है। नींद की कमी और बाधित नींद को भी इरेक्टाइल डिस-फ़ंक्शन के लिए हाइ-रिस्क से जोड़ा गया है। नींद की कमी से पुरुषों का टेस्टोस्टेरोन कम हो सकता है - जिससे कामेच्छा भी कम हो सकती है।
महिलाओं के लिए भी नींद की कमी उनके लिबीडो को प्रभावित करता है। शोध में पाया गया है कि अधिक देर तक सोना महिलाओं के लिए अगले दिन अधिक यौन इच्छा से जुड़ा होता है। नींद में एक घंटे की वृद्धि से साथी के साथ यौन संबंध बनाने की संभावना 14 प्रतिशत अधिक हो जाती है।
4. क्लींजिंग थेरापी करें
क्लींजिंग थेरापी लिबीडो बढ़ाने और पीक-पर्फ़ॉर्मन्स हासिल करने में आपकी मदद करने का एक सुपर-एफेक्टिव तरीका है। क्लींजिंग थेरापी के प्रणेता - डॉ. पीयूष सक्सेना हर किसी के लिए लीवर क्लिंजिंग की सलाह देते हैं क्योंकि लीवर मेटाबोलिज़्म, एनर्जी और लिपिड भंडारण सहित आपके कई शारीरिक प्रक्रियाओं में मुख्य भूमिका निभाता है। लिवर सेक्स-हार्मोन मेटाबोलिज़्म में भूमिका निभाता है और कैरियर-प्रोटीन का उत्पादन करता है जो प्रजनन और विकास में महत्वपूर्ण हैं। केवल एक लीवर-क्लिंजिंग से आप अपने 5 साल पहले वाली एनर्जी-लेवल को महसूस कर सकते हैं।
लीवर-क्लिंज, प्रोस्टेट-क्लिंज, ओवरी व पीसीओएस-क्लिंज, यूटरस व फ़र्टिलिटी-क्लिंज, फैलोपियन-ट्यूब क्लिंज और वजाइना-क्लिंज जैसी कई क्लिंजिंग थेरापी हैं - जो शरीर के हार्मोनल फ़ंक्शन को सपोर्ट कर सकती हैं, आपकी एनर्जी व स्टैमिना को रीवाइव कर सकती हैं और वेज़ाइनल-ड्रायनस जैसी समस्याओं का समाधान कर सकती हैं।
जिनके री-प्रोडक्टिव हार्मोन का स्तर काफ़ी लो है वैसे कुछ व्यक्तियों में लिबीडो बढ़ाने के लिए हार्मोन थेरेपी का भी उपयोग किया जा सकता है। यदि आपकी लो-लिबीडो मेनोपॉज़ के लक्षणों से उत्पन्न होती है, तो आप हार्मोन थेरेपी की मदद भी ले सकते हैं।
5. स्ट्रेस-रिडक्शन टेकनिक्स की प्रैक्टिस करें
आज की जिंदगी में तनाव लगभग हर किसी के लिए आम बात है। लेकिन, जब आप हर समय तनाव में रहते हैं, तो एड्रेनल हार्मोन ‘कोर्टिसोल’ आपके सेक्स हार्मोन को दबा देता है, जिससे आपकी कामेच्छा खत्म हो जाती है।
यही कारण है कि पुरुष हो या या महिला - ज्यादातर लोगों के लिए, स्ट्रेस एक लिबीडो-किलर का काम करता है। लॉंग-टर्म स्ट्रेस शरीर में कई मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तंत्रों को प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप यौन-संतुष्टि कम हो जाती है।
न्यूरोट्रांसमीटर कामेच्छा को नियंत्रित करने में मदद करता है और आपका स्ट्रेस आपके न्यूरोट्रांसमीटर के असंतुलन का कारण बनता है। दीर्घकालिक तनाव आपके हार्मोन के स्तर में भी हस्तक्षेप कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप लिबीडो कम हो सकती है। तनाव में कमी से आपको ‘डिज़ायर’ और ‘अराउज़ल’ - दोनों बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
बेहतर है कि आप तनाव कम करने वाली टेकनिक्स जैसे - हार्टफुलनेस, डीप-ब्रिद, योग आदि का अभ्यास करें। ब्रेक लें, हॉबी के लिए समय निकालें और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
6. अपने पार्टनर के साथ रिलेशनशिप पर ध्यान दें
अगर आपकी लिबीडो व सेक्स ड्राइव कम हो गई है तो इसका एक कारण आपके साथी के साथ बिगड़ते रिश्ते भी हो सकता है। कई बार आपके साथी के साथ आपके तनावपूर्ण संबंध आपको टर्न-ऑफ कर सकते हैं। यदि आप लंबे समय से किसी रिश्ते में हैं, तो हो सकता है कि आप अपने साथी से बहुत अधिक परिचित हो गए हों और कुछ हद तक इर्रोटिक डिस्सैटिस्फ़ैक्शन महसूस कर रहे हों। यह काफी सामान्य है और यह आपकी लिबीडो पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। रिश्ते की समस्याएं कामेच्छा में कमी के सबसे आम कारणों में से हैं। गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के कारण हार्मोन में प्राकृतिक बदलाव के कारण भी आपकी ड्राइव कम हो सकती है।
इसलिए एक स्वस्थ सेक्स लाइफ के लिए और अपने सेक्स ड्राइव को हाई रखने के लिए, आपको अपने साथी के साथ एक स्टैबल रिलेशन बनाने की जरूरत है।
7. कुछ ख़ास हर्ब्स का प्रयोग करें
कुछ ख़ास जड़ी-बूटियों का उपयोग प्राचीन काल से दुनिया भर की संस्कृतियों में कामोत्तेजक के रूप में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इनमे से कुछ आपके जननांगों में तंत्रिकाओं को उत्तेजित करते हैं और कुछ नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे जननांगों में रक्त का प्रवाह और आपके मस्तिष्क में फ़ील-गुड कराने वाले केमिकल्स बढ़ जाते हैं।
हर्ब्स की ख़ासियत यह है की ये नैचुरल होते हैं जिससे साइड-इफ़ेक्ट का ख़तरा नहीं होता। यहाँ हम आपको ऐसे 25 ख़ास हर्ब्स का नाम बता रहे हैं जो लिबीडो व सेक्शूअल हेल्थ के लिए सदियों से जाने गए हैं :
1. जिनसेंग
2. सफ़ेद मूसली
3. केसर
4. आँवला
5. अश्वगंधा
6. गोखरू
7. लवंग
8. मोरिंगा
9. जिंजर
10. हरड़
11. जायफल
12. अलो-वेरा
13. मखाना
14. सलामपांजा
15. कवाछ
16. कौंच
17. सतावरी
18. मुलेठी
19. दालचीनी
20. पिप्पलि
21. हरड़
22. अकरकारा
23. ब्राह्मी
24. विदारीकंद
25. पान–पत्ता
आज के इस व्यस्त ज़िंदगी में, इन सारे हर्ब्स को इकट्ठा करना और हर दिन उनका सेवन मुश्किल हो सकता है। लेकिन आप इन्हें आसानी से सप्पलेमेंट के रूप में ले सकते हैं। ऐसा ही एक सप्पलेमेंट है गोयंग का ‘एक्जायर’ जिसमें ये सारे २५ हर्ब्स मौजूद हैं।
हमेशा ध्यान रखें – उम्र सिर्फ़ एक नम्बर है और लिबीडो का ख़्याल रखना ज़रूरी है। एक अच्छा यौन-स्वास्थ्य हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। सेक्स विभिन्न प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटरों को सक्रिय करता है जो न केवल हमारे मस्तिष्क पर बल्कि हमारे शरीर के कई अन्य अंगों पर भी प्रभाव डालते हैं। सक्रिय यौन-जीवन का लंबे जीवन से गहरा संबंध है।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
Written by : Dr Rajesh Singh
I think everyone needs.
Thanks