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कैसे रखें अपने बॉडी को पूरा दिन हाइड्रेटेड?

कैसे रखें अपने बॉडी को पूरा दिन हाइड्रेटेड?

हाइड्रेशन महत्वपूर्ण है क्योंकि वॉटर बैलेन्स नहीं हो तो हमारा शरीर ठीक तरीक़े से काम नहीं करेगा। शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं के लिए हमें सही अनुपात में पानी की आवश्यकता होती है - जिसका अर्थ है कि हमारी मांसपेशियों, हृदय और गुर्दे सभी को पानी की आवश्यकता होती है और ठीक से काम करने के लिए शरीर को पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहने की भी आवश्यकता होती है।

स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी है हाइड्रेटेड रहना
स्वास्थ्य का सबसे महत्वपूर्ण फ़ैक्टर है हाइड्रेशन। हमारा शरीर अधिकतर पानी से बना है - हमारे शरीर के कुल वजन का लगभग 67% पानी होता है। पानी हमारे शरीर के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। हाइड्रेटेड रहने से न केवल हमारा शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो इसे डिहाइड्रेशन कहा जाता है,

डिहाइड्रेशन के प्रभाव
डिहाइड्रेशन आपके स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है। ज़्यादातर लोग अक्सर इसे सिर्फ़ प्यास से जोड़ कर देखते हैं जबकि वास्तव में डिहाइड्रेशन सिर्फ प्यासे रहने से कहीं अधिक है। इससे थकान, कमजोरी, शुष्क मुँह, चक्कर आना और सिरदर्द जैसी समस्यायें हो सकती है। इससे पाचन में समस्या आती है। शारीरिक प्रदर्शन घटता है और हृदय की धड़कन तेज हो जाती है। डिहाइड्रेशन आपके एजिंग का कारण बन सकता है और यह आपके मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर बड़ा असर डालता है। डिहाइड्रेशन से शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते हैं:

  • थकान और कमजोरी: शरीर में पानी की कमी से ऊर्जा की कमी हो जाती है, जिससे व्यक्ति को थकान और कमजोरी महसूस होती है।
  • सिरदर्द: डिहाइड्रेशन से सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है।
  • त्वचा की समस्याएं: पानी की कमी से त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है।
  • पाचन समस्याएं: पानी की कमी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • गुर्दे की समस्याएं: गुर्दे का सही तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त पानी जरूरी है। पानी की कमी से गुर्दे की पथरी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • शारीरिक प्रदर्शन पर असर: व्यायाम या शारीरिक कार्य करते समय शरीर में पानी की कमी से प्रदर्शन में कमी आ सकती है।
  • हृदय गति और रक्तचाप पर असर: पानी की कमी से हृदय की धड़कन तेज हो सकती है और रक्तचाप घट सकता है।
  • मूड स्विंग्स: डिहाइड्रेशन से मूड में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं और व्यक्ति चिड़चिड़ा महसूस कर सकता है।
  • इम्यून सिस्टम पर असर: पानी की कमी से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

डिहाइड्रेशन का आपके मस्तिष्क पर पड़ता है असर
डिहाइड्रेशन के असर से आमतौर पर हमें शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह आपके मस्तिष्क पर कैसे असर डालता है?
डिहाइड्रेशन का मस्तिष्क पर गंभीर असर पड़ता है। पानी की कमी से मस्तिष्क की कार्यक्षमता घट जाती है। डिहाइड्रेशन से ध्यान में कमी और एकाग्रता में दिक्कत होती है। स्मरणशक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे चीजें याद रखने में कठिनाई होती है। मस्तिष्क की ऊर्जा कम हो जाती है, जिससे थकान और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। सिरदर्द और माइग्रेन की संभावना बढ़ जाती है। मानसिक स्पष्टता घट जाती है, जिससे निर्णय लेने में परेशानी होती है। लंबे समय तक डिहाइड्रेशन से मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ब्रेन-हाइड्रेशन में यदि 2% की कमी भी शॉर्ट-टर्म मेमरी-लॉस का कारण बन सकता है। लंबे समय तक डिहाइड्रेशन के कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं आकार और द्रव्यमान में सिकुड़ जाती हैं, यह स्थिति कई बुजुर्गों में आम है।

डिहाइड्रेशन का सीधा असर आपके आउटपुट पर पड़ता है
चूँकि डिहाइड्रेशन के होने पर हमारा मस्तिष्क सही तरीके से काम नहीं कर पाता और इसलिए हमारे आउटपुट में भी गिरावट आ सकती है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में सामान्यतः हमारा मनोबल व कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है
डिहाइड्रेशन का असर हमारे बॉडी और माइंड दोनों पर पड़ता है। जब हमारे शरीर में पानी की कमी होती है, तो यह मस्तिष्क में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन पहुंचाने में कमी कर सकती है। इससे ध्यान, स्मृति और सामान्य मानसिक क्रियाकलाप में कठिनाई आ सकती है साथ ही हमारे शरीर के अंगों के कार्यक्षमता पर भी असर होता है जिससे हमें जागरूक रहना और प्रदर्शन करना मुश्किल हो सकता है। इसके अतिरिक्त, डिहाइड्रेशन थकान, चक्कर और सिरदर्द का कारण बन सकता है, जो हमारी ध्यान केंद्रित करने और कार्यों को सपोर्ट करने की क्षमता को प्रभावित करता है।

आपकी त्वचा व सुंदरता पर डिहाइड्रेशन का प्रभाव
जब आपके शरीर में उचित हाइड्रेशन की कमी होती है, तो आपकी त्वचा सूखी, टाइट और फ्लेकी हो सकती है। सूखापन से त्वचा का बेजान दिखाई देने लगता है, और फ़ाइन लाइन्स और झुर्रियां ज़्यादा प्रॉमिनेंट लगने लगती हैं। गंभीर मामलों में, सूखापन से त्वचा समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि एक्जिमा या सोरायसिस की फ्लेयर-अप्स।
इसके अतिरिक्त, जब आपकी त्वचा सूखी होती है, तो वह अपनी ईलैस्टिसिटी और प्लम्पनेस खो देती है, जिससे स्किन सैगिंग होता है और उम्र बढ़ने लगती है। सूखापन का असर त्वचा में तेलों के प्राकृतिक संतुलन पर भी पड़ता है, जिससे नमी की कमी को पूरा करने के लिए तेल का अतिरिक्त उत्पादन हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप रोम छिद्र बंद हो सकते हैं, मुंहासे निकल सकते हैं और आपका स्किन-टोन पूरी तरह से अन-ईवेन हो सकता है जो आपके लुक और अपीयरेंस को बिगाड़ सकता है।

आपका शरीर देता है डिहाइड्रेशन का संकेत:
'प्यास लगना' - शरीर का आपको यह बताने का तरीका है कि आपको पानी पीने की आवश्यकता है। अगर आप इसे नजरअंदाज करते हैं या पानी पीना भूल जाते हैं, तो इस आदत को तुरंत सुधार लें। मुंह सूखना, चक्कर आना जैसे लक्षण आपके डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकते हैं। हमें हमारे बॉडी-सिग्नल्स या संकेतों को गंभीरता से लेना चाहिए। हल्के डिहाइड्रेशन से प्यास, मुंह सूखना और थकान हो सकती है, जबकि इसकी गंभीर स्थिती होने पर दौरे और मृत्यु भी हो सकती है। 

डिहाइड्रेशन आपके सिरदर्द और माइग्रेन का कारण बन सकता है। अगर आपको बार-बार सिरदर्द हो रहा है, तो आपको भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। आपके यूरिन का डार्क होना इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में पानी की कमी है। अगर आपका मूत्र गहरे पीले या एम्बर रंग का है, तो इसका मतलब आपको अधिक पानी पीने की आवश्यकता है। बहुत ज़्यादा थकान और कमजोरी डिहाइड्रेशन के संकेत हो सकते हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन में, प्यास की संवेदना वास्तव में कम हो सकती है और ब्लड प्रेशर गिर सकता है, जिसके कारण सिर चकराना या बेहोशी हो जाती है, विशेषकर खड़े रहने पर (एक स्थिति जिसे ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन कहते हैं)। यदि डिहाइड्रेशन जारी रहता है, तो आंतरिक अंगों, जैसे किडनी, लिवर, और दिमाग को आघात और गंभीर क्षति होती है।

अक्सर जब प्यास लगती है और ख़ासकर गर्मियों में, तो लोग कोल्ड-ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक्स को पसंद करते हैं। लेकिन, ऐसे ड्रिंक्स अक्सर आपके लिए नुक़सानदेह होते हैं और आपको और भी ज़्यादा डिहाइड्रेट कर देते हैं।

एनर्जी ड्रिंक्स का प्रभाव :
कोल्ड ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक आपको और ज़्यादा डिहाइड्रेट कर सकते हैं। एनर्जी ड्रिंक्स में आमतौर पर बड़ी मात्रा में शुगर होती है जो मुख्य रूप से सुक्रोज, ग्लूकोज या उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप के रूप में होती है। इनमे कैफ़ीन भी होता है। कैफीन और चीनी की मात्रा अधिक होने के कारण ऐसे ड्रिंक्स को पीना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और संभावित खतरों को जन्म दे सकता है, जिसमें हृदय संबंधी समस्याएं, नींद के पैटर्न में व्यवधान और मोटापा और टाइप 2 मधुमेह जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है। इनसे थोड़ी देर के लिए प्यास बुझने का एहसास तो हो सकता है लेकिन वास्तव में ये ड्रिंक्स आपको और भी ज़्यादा डिहाइड्रेट कर देते हैं। इसीलिए ज़्यादा एनर्जी ड्रिंक्स पीने वालों को डिहाइड्रेशन, चिंता और अनिद्रा जैसी दिक्कतें होती हैं।

हाइड्रेटेड रहने के आसान तरीके
शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। एक दिन में 8 से 9 गिलास पानी पीने के लिए कहा जाता है। ख़ासकर गर्मियों में शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। गर्मियों में पसीने के रूप में ज्यादा पानी शरीर से बाहर निकलता है। इसलिए शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी जरूरी है। लेकिन क्या सिर्फ पानी ही हाइड्रेशन के लिए काफी है? आइए जानते है। लोग 4 से 5 लीटर पानी पीते है और उसे यूरिन के द्वारा निकाल देते है इससे हाइड्रेशन नही मिलती है। हाइड्रेशन का मतलब ये नही कि आपने कितना पानी पीया और कितना यूरिन के द्वारा निकाल दिया बल्कि कितना पानी अपने रिटेन किया।

हाइड्रेशन के लिए पानी के अलावा और क्या लें?
हर्बल चाय : हर्बल चाय, जैसे कैमोमाइल, पेपरमिंट, या अदरक की चाय, अतिरिक्त स्वाद और संभावित स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हुए हाइड्रेशन प्रदान कर सकती है।
नारियल पानी : नारियल पानी एक प्राकृतिक, इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय है जो तरल पदार्थ को फिर से भरने और पोटेशियम जैसे आवश्यक खनिज प्रदान करने में मदद कर सकता है। हालांकि, बिना किसी अतिरिक्त शक्कर या कृत्रिम सामग्री वाले ब्रांडों को चुनना महत्वपूर्ण है।
ताजे फल और सब्जियां : कई फलों और सब्जियों में पानी की मात्रा अधिक होती है, जैसे तरबूज, खीरा, संतरा, स्ट्रॉबेरी और सलाद। इन खाद्य पदार्थों का सेवन आपके समग्र हाइड्रेशन में योगदान कर सकता है और अतिरिक्त पोषक तत्व प्रदान कर सकता है।
दूध व प्लांट-बेस्ड मिल्क : दूध पानी की तरह हाइड्रेटिंग नहीं है, फिर भी यह तरल पदार्थ प्रदान करता है और आवश्यक पोषक तत्वों का स्रोत हो सकता है। पौधों पर आधारित दूध के विकल्प जैसे बादाम का दूध, सोया दूध या जई का दूध भी हाइड्रेशन में योगदान कर सकते हैं।
फ्रूट इन्फ्यूज्ड वॉटर : अपने पानी में नींबू, बेरीज़, ककड़ी या जामुन जैसे फलों के स्लाइस डालने से बिना कैलोरी बढ़ाए इसे एक ताज़ा स्वाद मिल सकता है। यह पानी को और अधिक स्वादिष्ट बना देता है और एंटी-ऑक्सिडंट का काम भी करता है। ऐसा ही एक बेहतरीन बेरीज़ कॉन्सेंट्रेट ड्रॉप है ‘गोयंग का ऐक्टिलाइफ़’ जो आपके लिए कहीं भी कभी भी फ्रूट इन्फ्यूज्ड वॉटर का काम करता है। इसके अंदर हैं ६ अमेज़िंग बेरीज़ का एक्स्ट्रैक्ट वो भी शुगर-फ्री।

हाइड्रेशन आपके उत्तम स्वास्थ्य और अंगों के संचालन के लिए बेहद ज़रूरी है। हाइड्रेटेड रहने के लिए सबसे अच्छी सलाह यह है कि तरल पदार्थ के स्तर को पूरा करने और प्यास को दूर रखने के लिए पास में पानी की एक बोतल रखें – फ्रूट इन्फ्यूज्ड वॉटर ज़्यादा बेहतर है या फिर आप अपने पानी की बोतल में ऐक्टिलाइफ़ की कुछ बूँदें टपका सकते हैं।

Written By : Dr Rajesh Singh

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22 May 2024
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